दहेज प्रतिषेध अधिनियम (The Dowry Prohibition Act, 1961) |
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(1961 का अधिनियम संख्यांक 28) (ACT NO. 28 OF 1961) |
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(दहेज का देना या लेना प्रतिषिद्ध करने के लिए अधिनियम) |
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इस अधिनियम, का संक्षिप्त नाम क्या है? |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 (The Dowry Prohibition Act, 1961) |
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ (Short title, extent and commencement) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 1 |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 किस तिथि से लागू हुआ? |
1 जून 1961 |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 को संसद द्वारा कब पारित किया गया था? |
मई 1961 |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 का विस्तार कहाँ तक होता है? |
सम्पूर्ण भारत में |
भारत सरकार ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 लागू करने के पीछे प्रमुख उद्देश्य क्या बताया? |
दहेज प्रथा को समाप्त करना |
क्या दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 जम्मू और कश्मीर राज्य पर लागू होता है? (1961 के अनुसार) |
नहीं |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 लागू होने से पहले भारत में दहेज प्रथा पर नियंत्रण के लिए कौन सा मुख्य कानून था? |
कोई विशेष अधिनियम नहीं था |
कौन सा केस अधिनियम की धारा 1 से संबंधित है? |
वज्रला पर्वतम्मा बनाम आंध्र प्रदेश राज्य' |
कौन-सा केस दहेज प्रतिषेध अधिनियम के प्रारंभ से जुड़ी व्याख्या में महत्वपूर्ण रहा है? |
राजिंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य |
"दहेज" की परिभाषा” (Definition of “dowry”) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 2 |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 2 के अनुसार 'दहेज सम्पत्ति ' का क्या अर्थ है? |
कोई ऐसी सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति जो विवाह के समय या उसके पूर्व या पश्चात् किसी समय |
सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति विवाह के एक पक्षकार द्वारा विवाह के दूसरे पक्षकार को विवाह के समय या उसके पूर्व या पश्चात् किसी समय दी जाये तो वह क्या कहलाती है? |
दहेज |
सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति विवाह के किसी भी पक्षकार के माता-पिता द्वारा या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा विवाह के किसी भी पक्षकार को या किसी अन्य व्यक्ति को दी जाये तो वह क्या कहलाती है? |
दहेज |
धारा 2 के अनुसार 'दहेज' में कौन सी वस्तुएँ शामिल नहीं होतीं? |
विवाह से असंबंधित स्वैच्छिक उपहार |
'दहेज' की परिभाषा किस प्रकार की संपत्ति या वस्तु को शामिल करती है? |
चल और अचल दोनों प्रकार की संपत्ति |
कौन-सा केस 'दहेज' की परिभाषा को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण है? |
अप्पासाहेब बनाम महाराष्ट्र राज्य |
किस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल विवाह के कारण और उससे संबंधित चीजें ही दहेज कहलाती हैं? |
अप्पासाहेब बनाम महाराष्ट्र राज्य |
धारा 2 में ‘दहेज’ की परिभाषा किस दृष्टिकोण से दी गई है? |
कानूनी |
क्या धारा 2 के अंतर्गत विवाह उपरांत उपहार (स्वेच्छा से दिया गया) 'दहेज' की श्रेणी में आता है? |
तब, जब उपहार देने के लिए दबाव डाला गया हो |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 2 में प्रयुक्त “प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देना” किस बात को दर्शाता है? |
दहेज देने या लेने के किसी भी रूप को |
किस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'मांग' और 'दहेज' के बीच सीधा संबंध होना चाहिए? |
अप्पासाहेब बनाम महाराष्ट्र राज्य |
दहेज की परिभाषा में कौन-सा तत्व आवश्यक नहीं है? |
बिना मांग के देना |
दहेज देने या दहेज लेने के लिए शास्ति (Penalty for giving or taking dowry) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 3 |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 किससे संबंधित है? |
दहेज लेने या देने पर सज़ा |
दहेज लेने या देने पर अधिकतम सज़ा क्या हो सकती है? |
5 वर्ष |
दहेज के अपराध पर कितने रुपए तक का जुर्माना हो सकता है? |
₹15,000 या दहेज का मूल्य जो अधिक हो |
क्या धारा 3 के तहत अदालत न्यूनतम सज़ा से कम सज़ा दे सकती है? |
हाँ, विशेष कारण बताकर |
कौन-सा केस धारा 3 में न्यूनतम सज़ा की व्याख्या में महत्वपूर्ण है? |
कामेश पंजियार बनाम बिहार राज्य |
दहेज देना या लेना दुष्प्रेरित करने वाला व्यक्ति भी धारा 3 के तहत अपराधी माना जाता है? |
हाँ |
क्या दहेज देने वाला व्यक्ति भी धारा 3 के तहत अपराधी माना जाता है? |
हाँ |
यदि कोई व्यक्ति दहेज देता है क्योंकि उसे मजबूर किया गया था, तो क्या उसे भी सज़ा हो सकती है? |
कोर्ट के विवेक पर निर्भर |
धारा 3 के तहत न्यूनतम सज़ा कम करने के लिए कौन-सी शर्त आवश्यक है? |
अदालत द्वारा विशेष कारणों को दर्ज करना |
क्या दहेज की राशि नकद न होकर संपत्ति होने पर भी धारा 3 लागू होती है? |
हाँ, किसी भी प्रकार की संपत्ति पर लागू होती है |
किस स्थिति में दहेज देने वाला व्यक्ति दोषमुक्त हो सकता है? |
यदि उसने न्यायालय में यह सिद्ध कर दिया कि दहेज दबाव में दिया गया |
धारा 3 से संबंधित मुख्य केस कौन सा है? |
'राजस्थान राज्य बनाम परमानंद' |
क्या पति और पत्नी दोनों पर धारा 3 के तहत समान रूप से कार्यवाही हो सकती है? |
हाँ, यदि दोनों दहेज लें या दें |
दहेज मांगने के लिए शास्ति (Penalty for demanding dowry) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 4 |
धारा 4 के अंतर्गत दहेज की मांग करना किस प्रकार का अपराध है? |
संज्ञेय |
धारा 4 के अंतर्गत दहेज की मांग करने पर न्यूनतम सज़ा क्या है? |
6 महीने से 2 वर्ष तक |
दहेज की मांग पर अधिकतम सज़ा कितनी हो सकती है? |
2 वर्ष |
न्यायालय कब छह मास से कम की किसी अवधि के कारावास का दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा? |
ऐसे पर्याप्त और विशेष कारणों से, जो निर्णय में उल्लिखित किए जाएंगे |
धारा 4 के अंतर्गत कितने रुपए तक का जुर्माना हो सकता है? |
₹10,000 |
क्या दहेज की मांग मौखिक रूप से भी अपराध मानी जाती है? |
हाँ |
कौन-सा केस धारा 4 की व्याख्या में महत्वपूर्ण है? |
बिहार राज्य बनाम सुबोध सिन्हा |
धारा 4 के अंतर्गत किस पर दहेज मांगने का अपराध लागू हो सकता है? |
वधू या वर के माता-पिता या अन्य नातेदार या संरक्षक |
दहेज मांगने के लिए "प्रयास" भी अपराध माना जाएगा यदि – |
मांग विवाह के कारण हो |
क्या धारा 4 के तहत दहेज की मांग विवाह के बाद की गई हो तो भी अपराध बनता है? |
हाँ |
यदि कोई मित्र शादी में गिफ्ट मांगता है, क्या वह धारा 4 में आएगा? |
नहीं |
धारा 4 के अंतर्गत सज़ा कम करने के लिए कोर्ट को क्या करना होता है? |
विशेष कारण दर्ज करना |
धारा 4 के तहत अपराध की प्रकृति क्या है? |
नॉन-कंपाउंडेबल (गैर-समझौता योग्य) |
धारा 4 के तहत यदि आरोपी महिला है, तो क्या कानून समान रूप से लागू होता है? |
हाँ |
यदि विवाह नहीं हुआ लेकिन दहेज की मांग की गई, क्या धारा 4 लागू होगी? |
हाँ |
क्या धारा 4 में सज़ा के साथ जुर्माना अनिवार्य है? |
हाँ |
धारा 4 का उद्देश्य क्या है? |
दहेज की मांग को रोकना |
विज्ञापन पर पाबंदी (Ban on advertisement) किस धारा में परिभाषित है? |
4क. धारा |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4क का विषय क्या है? |
दहेज विज्ञापन पर पाबंदी |
धारा 4क के अनुसार दहेज से संबंधित विज्ञापन देना किसके लिए प्रतिबंधित है? |
किसी समाचारपत्र, नियतकालिक पत्रिका, जरनल या किसी अन्य माध्यम से |
क्या दहेज के विज्ञापन के लिए अनुमति आवश्यक है? |
नहीं |
धारा 4क के उल्लंघन पर क्या कार्यवाही हो सकती है? |
जुर्माना और सज़ा |
कौन-से केस में सुप्रीम कोर्ट ने धारा 4क के महत्व को रेखांकित किया था? |
लक्ष्मी बनाम भारत संघ |
क्या दहेज विज्ञापन के लिए वेबसाइट्स भी धारा 4क के दायरे में आती हैं? |
हाँ |
धारा 4क के अंतर्गत कौन-सा जुर्माना अधिकतम लगाया जा सकता है? |
₹15,000 |
धारा 4क के अनुसार विज्ञापन क्यों प्रतिबंधित है? |
दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए |
क्या धारा 4क का उल्लंघन करने पर जेल भी हो सकती है? |
हाँ, 6 महीने से 5 वर्ष तक |
न्यायालय कब छह मास से कम की किसी अवधि के कारावास का दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा? |
ऐसे पर्याप्त और विशेष कारणों से, जो निर्णय में उल्लिखित किए जाएंगे |
दहेज विज्ञापन पर पाबंदी का उल्लंघन, से सम्बंधित केस कौन सा है? |
‘केरल राज्य बनाम राजन’ |
यदि कोई शादी वाला विज्ञापन दहेज के बिना हो, तो क्या वह धारा 4क के अंतर्गत आएगा? |
नहीं |
दहेज देने वा लेने के लिए करार का शून्य होना (Agreement for giving or taking dowry to be void) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 5 |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 5 का मुख्य विषय क्या है? |
दहेज देने या लेने के लिए कार्रवाई का प्रावधान |
धारा 5 के अंतर्गत कौन सा करार शून्य होगा? |
दहेज देने या लेने का |
दहेज का पत्नी या उसके वारिसों के फायदे के लिए होना दहेज प्रति (Dowry to be for the benefit of the wife or her heirs) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 6 |
धारा 6 का विषय क्या है? |
दहेज का पत्नी या उसके वारिसों के फायदे के लिए होना |
यदि वह दहेज विवाह से पूर्व प्राप्त किया गया था तो स्त्री को कब अन्तरित करना चाहिए? |
विवाह की तारीख के पश्चात् [तीन मास] के भीतर |
यह वह दहेज विवाह के समय या उसके पश्चात् प्राप्त किया गया था तो स्त्री को कब अन्तरित करना चाहिए? |
उसकी प्राप्ति की तारीख के पश्चात् [तीन मास] के भीतर या |
यदि वह उस समय जब स्त्री अवयस्क थी तब प्राप्त किया गया था तो स्त्री को कब अन्तरित करना चाहिए? |
उसके अठारह वर्ष की आयु प्राप्त करने के पश्चात् [तीन मास] के भीतर |
यदि कोई व्यक्ति किसी सम्पत्ति का उसके लिए विनिर्दिष्ट परिसीमा काल के भीतर अन्तरण करने में असमर्थ रहेगा, किस दंड से दंडनीय होगा? |
6 मास से 2 वर्ष तक, या जुर्माने से जो 5000 से 10000 तक का हो सकेगा या दोनों से |
यदि स्त्री की मृत्यु हो जाती है संपत्ति किसे अंतरित होगी? |
स्त्री के वारिस को |
ऐसी स्त्री की मृत्यु उसके विवाह के सात वर्ष के भीतर प्राकृतिक कारणों से अन्यथा हो जाती है वहां ऐसी संपत्ति किसे अंतरित होगी?
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यदि कोई संतान नहीं है तो उसके माता-पिता को अंतरित की जाएगी, या यदि उसकी संतान है तो उसकी ऐसी संतान को अंतरित की जाएगी |
किस केस में सुप्रीम कोर्ट ने धारा 6 के तहत दहेज के फायदे की व्याख्या की? |
शोभा रानी बनाम मधुकर रेड्डी |
क्या दहेज का उपयोग पति के फायदे के लिए हो सकता है धारा 6 के अंतर्गत? |
नहीं |
धारा 6 के अनुसार यदि दहेज पत्नी के वारिसों के फायदे के लिए दिया जाता है तो क्या यह अपराध माना जाएगा? |
नहीं |
धारा 6 का उल्लंघन किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था? |
लक्ष्मी बनाम भारत संघ |
क्या धारा 6 के अंतर्गत दहेज के लिए किसी प्रकार की सीमा निर्धारित है? |
हाँ, कोर्ट तय करती है |
क्या धारा 6 के तहत दहेज लेने वाले के खिलाफ शिकायत की जा सकती है? |
नहीं, यदि पत्नी के फायदे के लिए हो तो नहीं |
धारा 6 में ‘वारिस’ शब्द का अर्थ क्या है? |
पत्नी के उत्तराधिकारी या उसके परिवार के सदस्य |
क्या धारा 6 के अंतर्गत दहेज का उपयोग पत्नी के व्यक्तिगत खर्चों के लिए किया जा सकता है? |
हाँ |
धारा 6 के अंतर्गत दहेज का क्या स्वरूप माना जाता है? |
दहेज का कोई भी रूप – नकद, सामान या अन्य |
अपराधों का संज्ञान (Cognizance of offences) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 7 |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 7 के अनुसार, दहेज संबंधित अपराधों का संज्ञान कौन ले सकता है? |
केवल मजिस्ट्रेट |
धारा 7 के तहत, दहेज संबंधित अपराधों के लिए किस प्रकार की अदालत में मुकदमा चलाया जाता है? |
महानगर मजिस्ट्रेट या प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय |
कोई न्यायालय इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का संज्ञान कब लेगा? |
अपनी जानकारी पर या पुलिस रिपोर्ट पर या ऐसे व्यक्ति के माता-पिता या अन्य नातेदार द्वारा अथवा किसी मान्यताप्राप्त कल्याण संस्था या संगठन द्वारा किए गए परिवाद पर |
अपराधों का कुछ प्रयोजनों के लिए संज्ञेय होना तथा अजमानतीय और अशमनीय होना (Offences to be cognizable for certain purposes and to be bailable and non-compoundable) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 8 |
किस न्यायिक निर्णय में कहा गया कि दहेज संबंधित अपराध संज्ञेय हैं, जिससे पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है? |
सतवीर सिंह बनाम पंजाब राज्य |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 8 के अंतर्गत अपराधों को अजमानतीय घोषित किए जाने का क्या प्रभाव होता है? |
आरोपी को ज़मानत नहीं मिल सकती |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 8 में “अशमनीय अपराध” की श्रेणी में अपराधों को क्यों रखा गया है? |
ताकि अदालत की अनुमति के बिना मामला वापस न लिया जा सके |
कौन-सा कथन धारा 8 के संदर्भ में सत्य नहीं है? |
अपराध शमनीय हैं |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 8 के अनुसार “संज्ञेय अपराध” का क्या अभिप्राय है? |
जिस अपराध में पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी व जांच कर सकती है |
किस केस में कहा कि धारा 8 के अंतर्गत अपराधों की प्रकृति को गंभीरता से लेना चाहिए? |
सतवीर सिंह बनाम पंजाब राज्य |
यदि किसी मामले में दहेज की मांग होती है, तो क्या पुलिस बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के कार्यवाही कर सकती है? |
हां, क्योंकि यह संज्ञेय अपराध है |
धारा 8 को लागू करते समय पुलिस को किस गाइडलाइन का पालन करना आवश्यक है, किस केस में कहा? |
अर्नेश कुमार केस |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 8 को लागू करते समय पुलिस को किस गाइडलाइन का पालन करना आवश्यक है? |
गिरफ्तारी से पहले जांच और वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति लेना |
कुछ मामलों में सबूत का भार (Burden of proof in certain cases) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 8क |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 8A के अनुसार, दहेज लेने या मांगने के आरोपित व्यक्ति पर क्या दायित्व है? |
आरोपित को अपनी निर्दोषता सिद्ध करनी होगी |
धारा 8A का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
अभियोजन पक्ष का कार्यभार कम करना |
दहेज प्रतिषेध अधिकारी (Dowry Prohibition Officers) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 8ख |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 8B के अनुसार, दहेज प्रतिषेध अधिकारी की नियुक्ति किस स्तर पर की जाती है? |
राज्य सरकार द्वारा |
राज्य सरकार कितने दहेज प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त कर सकेगी ? |
जितने वह ठीक समझे |
धारा 8B के अनुसार, दहेज प्रतिषेध अधिकारी का मुख्य कार्य क्या है? |
दहेज संबंधित मामलों की जांच करना |
दहेज प्रतिषेध अधिकारी के पास किस प्रकार की शक्तियाँ होती हैं? |
अधिनियम के उपबंधों का अनुपालन दहेज देने या दहेज लेने को दुष्प्रेरित करने या दहेज मांगने को यथासंभव रोकना साक्ष्य एकत्र करना अतिरिक्त कार्य करना जो राज्य सरकार द्वारा उसे सौंपे जाएं |
राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा दहेज प्रतिषेध अधिकारी को किसकी शक्तियां प्रदत्त कर सकेगी? |
पुलिस अधिकारी |
राज्य सरकार दहेज प्रतिषेध अधिकारी को इस अधिनियम के अधीन उसके कृत्यों के दक्ष पालन में सलाह देने और सहायता करने के प्रयोजन के लिए, क्या नियुक्त कर सकेगी? |
एक सलाहकार बोर्ड |
एक सलाहकार बोर्ड में कितने सदस्य होंगे? |
पांच से अनधिक समाज कल्याण कार्यकर्ता होंगे (जिनमें से कम से कम दो महिलाएं होंगी) |
धारा 8B के तहत, दहेज प्रतिषेध अधिकारी की नियुक्ति के लिए किस योग्यता की आवश्यकता होती है? |
कानून में विशेषज्ञता, प्रशासनिक अनुभव |
नियम बनाने की शक्ति (Power to make rules) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 9 |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 9 के अनुसार, इस अधिनियम के तहत नियम बनाने की शक्ति किसे प्राप्त है? |
केंद्रीय सरकार |
धारा 9 के अनुसार, नियम बनाने के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया जाता है? |
राजपत्र में अधिसूचना द्वारा |
ऐसे नियमों में क्या उपबंध किया जा सकेगा? |
भेंटों की कोई सूची रखी जाएगी और उनसे संबंधित सभी अन्य विषय, और इस अधिनियम के प्रशासन की बाबत नीति और कार्रवाई का बेहतर समन्वय |
इस धारा के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने के पश्चात् कहाँ रखा जायेगा? |
संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष |
नियम बनाए जाने के पश्चात् संसद् के समक्ष कब और कितनी अवधि के लिए रखा जायेगा? |
वह सत्र में हो, तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 के तहत बनाए गए नियमों का उद्देश्य क्या है? |
दहेज संबंधित अपराधों की रोकथाम और नियंत्रण |
राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of the State Government to make rules) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 10 |
धारा 10 के अनुसार, नियम बनाने के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया जाता है? |
राजपत्र में अधिसूचना द्वारा |
ऐसे नियमों में किन विषयों के लिए उपबंध किया जा सकेगा? |
क) दहेज प्रतिषेध अधिकारियों द्वारा धारा 8 की उपधारा (2) के अधीन पालन किए जाने वाले अतिरिक्त कृत्य, (ख) वे परिसीमाएं और शर्तें जिनके अधीन रहते हुए दहेज प्रतिषेध अधिकारी धारा 8 की उपधारा (3) के अधीन अपने कृत्यों का प्रयोग कर सकेंगे |
इस धारा के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने के पश्चात् कहाँ रखा जायेगा? |
राज्य विधान-मंडल के समक्ष रखा जाएगा |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 10 के अनुसार, राज्य सरकार को नियम बनाने की शक्ति किस उद्देश्य के लिए प्राप्त है? |
दहेज संबंधित अपराधों की रोकथाम और नियंत्रण |
धारा 10 के तहत बनाए गए नियमों का पालन कौन सुनिश्चित करता है? |
राज्य सरकार |
धारा 10 के तहत बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने पर किसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है? |
संबंधित अधिकारी या व्यक्ति |